शनिवार, 30 अप्रैल 2011

किरायेदार लखपति, मकानमालिक रोडपति



कितनी बड़ी उलछन की बात है की मैंने  राजस्व अधिकारी, नगर निगम, रायपुर छ.ग. को  मुझे मकान नहीं मिलकर किरायेदार को मिलने पर बधाई पत्र में शुक्रिया आपके कारण मेरी किरायेदार लखपति और मैं रोडपति बन गया. बहुत बहुत धन्यवाद लिखकर बधाई पत्र  दिया तो उन्होंने इसे लेने से मना करते हुए डांटते हुए कहा की मैंने इसे नहीं लूँगा जो करना है कर लो, 

मुझे अजीब लगा की किसी इंसान को तकलीफ है परन्तु वह उन्हें बुरा कहने की जगह धन्यवाद देना चाहता है तो भी उच्च अधिकारी को परेशानी हो रही है. मैंने भी ठान लिया की अगली बार बधाई पत्र की जगह गुलाब का फूल दूंगा. देखता हूँ उस पर क्या कहते है.   - -- बंटी निहाल, रायपुर  

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

agar uchh adhikari v neta ka sath raha to miljulkar bahut se kam ho jayenge