गरीबों को १ रू., २ रू. किलो में दिया गया चांवल दरअसल सरकार द्वारा शराब में दी गई सब्सीडी है। - छ.ग. में जनता को सार्वजनिक चांवल वितरण प्रणाली से १ रू. तथा २ रू. प्रति किलो के हिसाब से प्रति व्यक्ति १७ किलो चांवल दिया जाता है। ऐसा कर छ.ग. सरकार ने पूरे देश में वाहवाही हासिल की है। यह बात बहुत अच्छी सोच के साथ शुरू किया गया था परंतु इसका गरीब तबको में बहुत अधिक बुरा असर हुआ है। दरअसल केन्द्र की नरेगा योजना के तहत प्रत्येक गरीब व्यक्ति को न्यूनतम दर से १०० दिन प्रति वर्ष कार्य दिया जाता है जो कि महीने में कम से कम १० दिन तो हो ही जाता है।
इसके अतिरिक्त वे बचत पूरे माह किसी ना किसी कार्य में लगाकर पैसा कमाने की कोशीश करते हैं। जो चांवल पहले उन्हें ३५० रूपये में मिलता था वह अब केवल ३४ रूपये में मिलता है। इस प्रकार से जो बचने वाला पैसा है उसका उपयोग उनके द्वारा सबसे अधिक शराब पीने में हो रहा है। लेवर कम काम कर शराब पर पैसा अधिक खर्च कर रहा है। यदि गहराई में जाये तो ऐसा लगेगा कि छ.ग. सरकार द्वारा चांवल में सब्सीडी नही बल्कि शराब में सब्सीडी दे रही है। - बंटी निहाल, रायपुर छ.ग.
1 टिप्पणी:
sabhi jante hai ki ek tarah se kamai hi hai
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