तेलीबांधा तालाब सौन्दर्यीकरण से प्रभावित नागरिको को अस्थाई बोरियाकला हाऊसिंग बोर्ड कालोनी मे विस्थापित किया गया है. प्रभावित नौकरी, अपने कार्य करने रायपुर शहर लगभग १३ किलोमीटर आना जाना होता है। इसके लिए शासन द्वारा २ सिटी बस सुबह ८.०० बजे और ९.३० बजे आती है. परन्तु वहां की जनता जो लगभग ४००० परिवार है उन्हें २ सिटी बस ( क्षमता लगभग ४० से ५० सीटर ) से क्या होने वाला ? इसलिए हमारे यहाँ के ऑटो रिक्शा चालक भाइयो की निकल पड़ी. लगभग एक माह तक बहुत ही अच्छी कमाई होने लगी. फिर क्या था बहुतो को कमाने का चस्का लगा और देखते-देखते लगभग ३० से ४० ऑटो आ गये. किसी ने उधार, तो किसी ने सोना बेचा और ऑटो ले लिया. लगता है की आने वाले सालों में ऑटो की संख्या और बढेगी.
यहाँ की जनता भी उतनी ही चलाक है. ऑटो में बैठती है मगर जैसे ही सिटी बस आती है. उठकर बस में चले जाते है, जाते भी क्यों न ( पास जो बना था २ माह का) हमेशा ऐसा बार-बार करने पर एक ऑटो वाले को गुस्सा आ गया उसने सवारी को बोल दिया, अगली बार मेरे ऑटो में मत बैठना बस से ही आना जाना करना. जो समझदार था वो तो चुपचाप बैठ गया परन्तु जो जिद्दी थे, वो बस में चले गए. समझदार व्यक्ति करता भी क्या ?सरकारी बस कब तक साथ देगा. कभी-कभी बस आता ही नहीं, ऐसे में खतरा मोल नहीं ले सकता था. आखिर ऑटो वाला अपना ही मोहल्ले का है.
''बोरियाकला अस्थाई व्यवस्थापित निवासी संघ'' ने कालोनी में विभिन्न समस्याओ के निराकरण के लिए महापौर को बुला कर दिखाने का निर्णय लिया और प्रतीनिधियो द्वारा महापौर से समय लेने के लिए कार्यालय पहुंचे और पार्षद महोदय का इन्तजार करने लगे. पार्षद नहीं आने पर अध्यक्ष द्वारा उन्हें फोन करने पर, पार्षद ने रास्ते में हूँ कहा. इसी प्रकार ३ से ४ बार फोन करने पर वही जवाब मिलता. फिर पता चला की महापौर महोदय का गाड़ी लग रहा है उन्हें निकलना है. हमने पार्षद का इन्तजार ख़त्म कर महापौर श्रीमती किरणमयी नायक के कार्यालय में गए. और सविनय निवेदन किया की एक बार आप बोरियाकला आकर हमारे समस्या को देखे.
महापौर ने पार्षद जी को फोन लगाया और कहा मैं पार्षद जी के साथ ही आउंगी ( अकेले आये भी कैसे जनता नाराज जो थी उनसे, जनता के आक्रोश के डर के कारण अकेले नहीं आना चाहती है.) फिर उन्होंने पूछा कब आना है ?
अध्यक्ष श्री धनेश्वर लहरी ने कहा- मैडम हमारे यहाँ के सभी जनता अपने अपने कार्य में व्यस्त रहते है उन्हें बस रविवार को ही समय मिलता है. आप यदि रविवार को आएँगी तो सभी के सामने चर्चाये हो जाएँगी, आपकी कृपा होगी.
उन्होंने कहा - ठीक है, मैं रविवार को आउंगी, क्या प्रोग्राम है आप लोगो का ?
संघ के सचिव श्री पार्थो राव मोगराज जी ने कहा - मैडम आप हमारी परिवार की सदस्य है. हम कुछ नहीं कर सकते, बस हमारे पास जो कुछ मिलेगा उसी से, कम से कम एक गिलास पानी तो जरुर पिला सकते है.
महापौर मुस्कुराते हुए बोली- हां जरुर.
फिर सभी सदस्य हसते हुए ख़ुशी- ख़ुशी बहार निकले. पार्षद महोदय अभी तक नहीं पहुँच पाए थे. उन्हें फ़ोन लगाया परन्तु फ़ोन नहीं लगा. हम सभी जोरो सोरो से तयारी में भीड़ गए. फिर पार्षद जी का फोन आया उन्होंने कहा की महापौर जी रविवार को नहीं आ पाएंगी. उनका दूसरा प्रोग्राम बन गया है. उन्हें जगनाथ मंदिर, सीएम और राज्यपाल के प्रोग्राम में जाना है. फिर क्या था हम सभी को गुस्सा आने लगा. सभी तैयारिया पूरी हो चुकी थी. आगे के बारे में अगले अंक में विस्तार से लिखूंगा........धन्यवाद
2 टिप्पणियां:
chalak nahi honge to kaise chalega bhai - Raj
समझदार ने तो अपनी वाट लगा लिया तो क्या समझदार ? - अजय
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